दो डायरीयां – पति पत्नी की दिल को छू लेने वाली कहानी | Two Diaries – Husband Wife Heart Touching Story
शादी की सालगिरह की पूर्व संध्या पर पति-पत्नी एक साथ बैठकर चाय पी रहे थे और बातें कर रहे थे। वे दुनिया की नजरों में एक आदर्श युगल थे।
उनके बीच बहुत प्यार था लेकिन समय के साथ ऐसा लगने लगा कि उनके बीच शिकायतें बढ़ती जा रही हैं।
बात करते हुए पत्नी ने एक प्रस्ताव रखा, “मुझे तुमसे बहुत कुछ कहना है लेकिन हमें एक दूसरे के लिए समय नहीं मिलता।
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इसलिए मैंने दो डायरियां खरीदीं। हमारे मन में जो कुछ भी होगा, हम एक-दूसरे के लिए लिखेंगे और पूरे साल लिखेंगे।
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अगले साल इसी दिन हम एक-दूसरे की डायरी पढ़ेंगे ताकि हम जान सकें कि हममें क्या कमियां हैं ताकि उसे दोहराया न जा सके।
पति ने माना कि आइडिया अच्छा है और दोनों ने अपनी डायरी ली। जल्द ही साल बीत गया।
अगले साल एनिवर्सरी पर दोनों ने एक-दूसरे को डायरी दी.
पति ने सबसे पहले अपनी पत्नी की लिखी हुई डायरी पढ़ना शुरू किया।
पहला पेज.. आज हमारी शादी की सालगिरह पर आपने मुझे अच्छा तोहफा नहीं दिया।
दूसरा पेज.. आप मुझे रात के खाने के लिए होटल नहीं ले गए।
तीसरा पेज.. आज आपने मुझे फिल्मों में ले जाने का वादा किया था लेकिन जाते समय आपने यह कहकर मना कर दिया कि आप थक गए हैं।
…. मेरे रिश्तेदार आए लेकिन आपने उनसे ठीक से बात नहीं की।
…. आज बहुत सालों बाद आपने मेरे लिए पुराने जमाने की ड्रेस खरीदी।
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इस तरह उस डायरी में कई छोटी-छोटी शिकायतें लिखी गईं। इसे पढ़कर पति की आंखों से आंसू छलक पड़े।
पति ने कहा, “मुझे अपनी गलतियों की जानकारी नहीं थी। मैं इस बात का ध्यान रखूंगा कि भविष्य में उन्हें दोबारा न दोहराऊं।”
अब पति की डायरी खोलने की बारी पत्नी की थी।
पहला पेज.. खाली
दूसरा पेज .. खाली
तीसरा पेज .. खाली
.. खाली
पत्नी 50-60 पेज की हो गई, सब खाली थे।
पत्नी को बुरा लगा और उसने कहा, “मुझे पता था कि तुम मेरी इस छोटी सी इच्छा को भी पूरा नहीं कर पाओगे। मैंने आपकी सारी कमियों को पूरे साल इतनी मेहनत से लिखा ताकि आप उन्हें सुधार सकें और आप इतना भी नहीं कर पाए।
पति ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैंने सब कुछ आखिरी पन्ने पर लिख दिया है।”
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पत्नी ने उत्सुकता से आखिरी पन्ना खोला।
इसमें लिखा था- ”तुम्हारे चेहरे पर कितनी भी शिकायत कर लूं, लेकिन तुमने मुझे और मेरे परिवार को बरसों से जो असीम प्यार दिया है, उसके सामने तुम्हारा असीम प्यार, मुझे तुममें ऐसी कोई कमी नहीं दिखी, जो मैं देख सकूं इस डायरी में लिखो।
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ऐसा नहीं है कि आप में कमी नहीं है बल्कि आपका प्यार, आपका समर्पण, आपका बलिदान उन सभी कमियों से ऊपर है।
मेरी अनगिनत अक्षम्य गलतियों के बावजूद, आपने मेरे जीवन के हर चरण में मेरी छाया के रूप में मेरा साथ दिया है। मैं अपनी ही छाया में कोई दोष कैसे देख सकता हूँ?”
अब रोने की बारी पत्नी की थी।
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उसने अपने पति के हाथ से अपनी डायरी ली और सभी शिकायतों और शिकायतों के साथ दोनों डायरी को आग में जला दिया।
उनका जीवन फिर से नवविवाहित जोड़े की तरह प्यार से खिल उठा।