Two Rooms – Dog vs Sheep Story | Short motivational Stories in Hindi
Short Stories about Community Building,
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एक बार राजा ने अपने मंत्री से पूछा, “कुत्ते की जन्म दर भेड़ के जन्म की दर से बहुत आगे है, फिर भी भेड़ों के झुंड देखे जाते हैं और कुत्तों को केवल कुछ जगहों पर ही देखा जाता है। इसका क्या कारण हो सकता है?”
मंत्री ने कहा, “मुझे एक दिन का समय दीजिए। मैं कल तुम्हें उत्तर दूंगा।”
राजा राजी हो गया।
उसी दिन शाम को मंत्री ने दो कमरे तैयार किए।
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उसने पहले कमरे में बीस कुत्तों को रोटी से भरी टोकरी के बीच में बंद कर दिया और दूसरे कमरे में उसने कमरे के बीच में चारे से भरी टोकरी के साथ बीस भेड़ों को बंद कर दिया। दोनों कमरों को बाहर से बंद कर मंत्री वापस लौटे।
सुबह मंत्री राजा के साथ आए।
उसने पहला कमरा खोला। राजा को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि सभी कुत्तों की जान चली गई थी और रोटी की टोकरी अभी भी जस की तस पड़ी थी। कोई कुत्ता रोटी का एक टुकड़ा भी नहीं खा सकता था।
इसके बाद, मंत्री राजा के साथ दूसरे कमरे में गए। इस कमरे को खोलने के बाद, राजा ने देखा कि सभी भेड़ें बहुत आराम से सो रही हैं और उनका सिर दूसरे पर पड़ा है और उनके चारे की टोकरी पूरी तरह से खाली है।
यह दिखाने के बाद मंत्री ने राजा से कहा, “कुत्ते एक भी रोटी नहीं खा सकते थे और आपस में लड़ते हुए मर गए। दूसरी ओर भेड़ें एक दूसरे के साथ चारा खाकर आराम से सो गईं।
यही कारण है कि भेड़ों के वंश में वृद्धि हो रही है, जबकि कुत्ते एक-दूसरे को खड़ा नहीं कर सकते हैं और एक-दूसरे से लड़ सकते हैं।
जिस समुदाय में उनकी इतनी नफरत है और वे आपस में लड़ते हैं, वह भला कैसे बढ़ सकता है?”
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कहानी से सीख: Moral of story
आपसी प्रेम और भाईचारे से ही वंश बढ़ता है।