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Agneepath Scheme | agneepath yojana kya hai | agneepath yojana details

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Agneepath Scheme: क्या है अग्निपथ स्कीम और कौन बनेगा अग्निवीर?

भारतीय सेना में भर्ती को लेकर अब तक का सबसे बड़ा बदलाव हुआ है। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में अब अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीर की भर्ती होगी। ये सैनिक होंगे, लेकिन इनका रैंक मौजूदा रैंक से अलग होगा और ये अग्निवीर ही कहलाएंगे। ये अग्निवीर आर्मी, नेवी या एयरफोर्स में चार साल के लिए रहेंगे।

इन अग्निवीरों में से ही अधिकतम 25 पर्सेंट को फिर बाद में परमानेंट होने का मौका दिया जाएगा। 90 दिनों में आर्मी में भर्ती के लिए पहली रिक्रूटमेंट रैली हो जाएगी। पहले चरण में आर्मी के लिए 40 हजार, नेवी के लिए 3 हजार और एयरफोर्स के लिए 3 हजार 500 अग्निवीरों की भर्ती होगी।

 

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अंग्रेजों के जमाने का सिस्टम खत्म होगा

 

अग्निवीर भर्ती की लाइन में वही लोग लग पाएंगे, जिनकी उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच हो। उनकी ट्रेनिंग मौजूदा रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटरों में ही होगी। इसके लिए इन सेंटरों में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया जा रहा है। भर्ती के बाद फौज की जरूरत के हिसाब से अग्निवीरों को कहीं भी तैनाती दी जा सकती है। आर्मी में अग्निवीरों की भर्ती ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर होगी।

भर्ती के बाद उन्हें आर्मी की किसी भी रेजिमेंट या यूनिट में भेजा जा सकता है। अग्निपथ स्कीम के साथ ही इंडियन आर्मी में अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा रेजिमेंट सिस्टम भी बदलेगा। अभी सिख रेजिमेंट, राजपूत रेजिमेंट, मराठा रेजिमेंट या जाट रेजिमेंट में उसी कम्युनिटी के युवाओं को सैनिक के तौर पर लिया जाता है।

अग्निपथ स्कीम के तहत ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर भर्ती होगी। इस पर आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अभी भी कमोबेश ऑल इंडिया ऑल क्लास ही है। आर्मी की 75 पर्सेंट यूनिटों में ऑल इंडिया ऑल क्लास कंपोनेंट ही है। रेजिमेंट सिस्टम बदलने का मकसद रिक्रूटमेंट के आधार को और व्यापक बनाना है। देश के हर कोने से युवाओं को मौका दिया जाएगा।

 

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नेवी में महिलाएं भी बनेंगी अग्निवीर

 

अग्निपथ स्कीम के तहत इंडियन नेवी में महिलाएं भी अग्निवीर बन सकेंगी। अब तक इंडियन नेवी में महिलाएं सिर्फ ऑफिसर रैंक में हैं और सेलर रैंक में सिर्फ पुरुष होते हैं। अग्निपथ स्कीम के ऐलान के साथ ही इंडियन नेवी के चीफ एडमिरल आर हरिकुमार ने कहा कि हम अग्निपथ स्कीम के साथ महिला सेलर को भी शामिल करेंगे।

नेवी चीफ ने कहा कि महिला अधिकारियों को पिछले करीब डेढ़ साल से ऑन बोर्ड (वॉरशिप में) तैनाती भी दी गई है। हम जेंडर न्यूट्र्ल सर्विस हैं और अग्निपथ के तहत महिलाओं को भी मौका दिया जाएगा।

 

30 हजार से सैलरी शुरू

अग्निवीरों को पहले साल 30 हजार रुपये मासिक सैलरी मिलेगी। दूसरे साल 33 हजार, तीसरे साल 36 हजार 500 रुपये और चौथे साल 40 हजार रुपये मासिक सैलरी मिलेगी। सैलरी के अलावा रिस्क और हार्डशिप अलाउंस, राशन अलाउंस, ड्रेस और ट्रैवल अलाउंस मिलेगा। स्पेशलाइज्ड मैनपावर के लिए आईटीआई और दूसरे टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स से युवाओं को लिया जाएगा।

चार साल पूरा होने पर जब सैनिक बाहर आएंगे तो उन्हें सेवा निधि मिलेगी। इसमें हर महीने सैलरी से 30 पर्सेंट अमाउंट कटेगा और इतनी ही राशि सरकार देगी। चार साल में यह रकम 11 लाख 70 हजार रुपये हो जाएगी। इसमें कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। अग्निवीर का 48 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस कवर होगा। इसके लिए उन्हें अपनी सैलरी से कोई योगदान नहीं देना होगा।

लाइफ इंश्योरेंस कवर के अलावा सर्विस के दौरान मौत हो जाने पर 44 लाख रुपये का एक्स ग्रेशिया भी मिलेगा, साथ ही जितनी सर्विस बची होगी उसकी सैलरी और उस बचे वक्त की सेवा निधि का हिस्सा भी मिलेगा। विकलांग होने पर सर्विस से बाहर हुए तो विकलांगता के आधार पर वन टाइम की आर्थिक मदद का प्रावधान होगा।

 

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पेंशन नहीं, एक्स सर्विस मैन का फायदा नहीं

 

चार साल की सर्विस पूरी होने के बाद अग्निवीर जब बाहर होंगे तो ये किसी भी तरह की पेंशन या ग्रेच्युटी के हकदार नहीं होंगे। सर्विस के दौरान इन्हें स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। चार साल के बाद सभी अग्निवीर बाहर हो जाएंगे। फिर इनमें से अधिकतम 25 पर्सेंट को रेगुलर कैडर के तौर पर यानी परमानेंट के तौर पर सेना जॉइन करने का मौका दिया जाएगा।

यह कितने पर्सेंट होगा, यह सेना की जरूरत पर निर्भर करेगा। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि युवा क्यों अग्निवीर बनेंगे? इसके जवाब में एयरफोर्स चीफ ने कहा कि आज भी 12वीं के बाद युवा या तो स्किल ट्रेनिंग लेते हैं या हायर एजुकेशन लेते हैं या फिर जॉब ढूंढते हैं। हम युवाओं को एक साथ तीनों मौका दे रहे हैं। उन्हें अच्छी सैलरी मिलेगी, चार साल में अच्छा बैंक बैलेंस हो जाएगा।

साथ ही उन्हें स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी। नैशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत उन्हें जो भी फॉर्मल ट्रेनिंग दी जाएगी, उसका क्रेडिट पॉइंट उन्हें मिलेगा। उससे वे चार साल बाद हायर एजुकेशन ले सकते हैं। वे चार साल सेना में रहकर ज्यादा आत्मविश्वास के साथ बाहर जाएंगे।

 

सरकार ने कहा गेमचेंजर, पर उठ रहे सवाल

अग्निपथ स्कीम को सरकार ने गेम चेंजर बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ आर्मी, नेवी और एयरफोर्स चीफ ने भी कहा कि इससे सेना भविष्य की चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपट सकेगी। आर्मी में अभी सैनिकों की औसत उम्र 32 साल है। अग्निवीरों के आने के बाद 6-7 साल में औसत उम्र 26 साल हो जाएगी और आर्मी ज्यादा यंग और फिट होगी।

युवा हर दिन बदलती तकनीक को जल्दी सीखेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने के लिए अग्निपथ नाम की ऐतिहासिक योजना लाई गई है। उन्होंने कहा कि युवा नई टेक्नॉलजी जल्दी सीखेंगे और उनका फिटनेस का स्तर भी अच्छा रहेगा। इससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे। भारतीय अर्थव्यवस्था को भी हायर स्किल्ड वर्कफोर्स मिलेगी।

 

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क्या है ‘अग्निपथ योजना’? जानिए किसे मिलेगी सेना में 4 साल के लिए नियुक्ति, कहां होगी तैनाती

अग्निपथ योजना के तहत युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी. सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा

 

Agneepath Scheme: केंद्र सरकार सेना में युवाओं को भर्ती करने के लिए ‘अग्निपथ प्रवेश योजना’ (Agnipath Recruitment Scheme) लागू करने जा रही है. इससे देश के लाखों युवाओं का सेना में भर्ती होने का सपना साकार होगा. इसके तहत थल सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी. अग्निपथ योजना के तहत युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी. सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा।

 

यहां गौर करने वाली बात ये है कि युवाओं के सेना में भर्ती होने के बाद सशस्त्र बलों की औसत उम्र में कमी देखने को मिलेगी. इसके अलावा, सैनिकों के रिटायर होने के बाद सरकार पर पेंशन का पड़ने वाला बोझ भी खत्म हो जाएगा.

अग्निपथ योजना को टूर ऑफ ड्यूटी (Tour of Duty) भी कहा जा रहा है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि सेना में शामिल होने वाले युवाओं को चार साल तक सेवा करने के बाद मोटी रकम के साथ रिटायर किया जाएगा. इसके अलावा, सरकार उनके आगे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उन्हें डिप्लोमा और सर्टिफिकेट से नवाजा जाएगा. साथ ही कोरपोरेट समेत अन्य क्षेत्र में काम करने के लिए उनकी मदद भी की जाएगी. ऐसे में आइए अग्निपथ योजना के बारे में विस्तार से जाना जाए. साथ ही इस योजना के तहत किस तरह से सेना में जाने का मौका मिलेगा. इसे विस्तारपूर्वक समझा जाए।

अग्निपथ योजना के के लिए क्या होगा क्राइटीरिया?
केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही अग्निपथ योजना के लिए भर्ती शुरू की जाएगी. अग्निपथ योजना के तहत एलिजिबिलिटी क्राइटिरिया कुछ इस प्रकार है:

अग्निपथ के लिए 17.5 साल से 21 साल के बीच के उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे.
आवेदन करने वाले युवा कम से कम 50 फीसदी नंबरों के साथ 12वीं पास होने चाहिए.
भर्ती होने वाले युवाओं को छह महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद 3.5 साल तक सेना में सर्विस देनी होगी.
भर्ती के लिए अन्य क्राइटीरिया को जल्द ही सरकार द्वारा जारी कर दिया जाएगा.

 

होगी सैलकितनीरी और कहां की जाएगी तैनाती?

अग्निपथ योजना के तहत शुरुआती वेतन 30,000 रुपये दिया जाएगा. सर्विस के चौथे साल में इसे बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दिया जाएगा. सेवा निधि योजना के तहत सरकार वेतन का 30 फीसदी हिस्सा सेविंग के रूप में रख लेगा. साथ ही इसमें वह भी इतना ही योगदान करेगी. चार साल बाद सैनिकों को 10 लाख से 12 लाख रुपये दिए जाएंगे. ये पैसा टैक्स फ्री होगा. योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को कश्मीर और देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा।

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