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गुजरात में तबाही के बाद, biperjoy का राजस्थान में कहर

biperjoy तूफान गुजरात के बाद शुक्रवार को राजस्थान पहुंच गया है। इसके असर से बाड़मेर में आज शाम भारी बारिश हुई । निचले इलाकों में पानी भर गया ।

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जालोर में भी रेड अलर्ट है और यहां तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। जालोर में शुक्रवार सुबह तक 69 रूरू बारिश दर्ज की गई है। इधर, जैसलमेर में भी आंधी-बारिश जारी है।

बाड़मेर और सिरोही में तेज हवाओं की वजह से पेड़ और पोल गिर गए हैं। माउंटआबू में शुक्रवार सुबह 8 से दोपहर 3 बजे तक 27 एमएम बारिश हो चुकी है। तापमान में भी गिरावट आई है। शाम साढ़े पांच बजे तक बाड़मेर में 30 और जोधपुर में 19 एमएम बारिश दर्ज की गई।

इधर, देर शाम अजमेर और नागौर में भी अचानक मौसम बदल गया। देर शाम अजमेर शहर समेत नागौर के डीडवाना और आसपास के इलाकों में तेज हवा के साथ बारिश हुई तूफान के चलते शुक्रवार और शनिवार को मिलाकर राजस्थान के 5 जिलों में बहुत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट, जबकि 13 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग का अनुमान है कि 24 घंटे के दौरान राजस्थान में 200 मिमी यानी 8 इंच या उससे ज्यादा बारिश हो सकती है।

20 जून तक दिखेगा असर
Effect will be visible till June 20

 

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मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में प्रवेश करने के साथ ही बाड़मेर, जालोर, उदयपुर के कुछ इलाके, सिरोही और पाली में देर रात या 17 जून की अल सुबह भारी से अति भारी बारिश दर्ज हो सकती है।

उधर, 48 घंटे के भीतर उदयपुर और जोधपुर संभाग में बारिश की जोर रहेगा। उसके बाद biperjoy आगे की तरफ बढ़ेगा। 18 जून को यह अजमेर और जयपुर संभाग पर भी असर दिखाएगा, वहां भी कुछ इलाकों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है।

19 जून को जयपुर संभाग के कुछ इलाके और 20 को कोटा व भरतपुर संभाग में बिपरजॉय का असर दिखाई देगा।

 

Heavy to very heavy rain expected for 48 hours

48 घंटे तक भारी से अति भारी बारिश की आशंका

 

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मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक आर. एस. शर्मा ने बताया कि biperjoy से जुड़ी ताजा रिपोर्ट देखें तो गुजरात से निकले के बाद बिपरजॉय देर रात राजस्थान में प्रवेश करेगा।

उस दौरान यह कमजोर होकर डीप डिपरेशन की स्थिति में आ जाएगा। उस सिस्टम को चक्रवात नहीं का जा सकेगा। हालाकि राजस्थान में बाड़मेर-जालोर में प्रवेश करने के दौरान उदयपुर संभाग के ऊपरी हिस्से के इलाकों में तेज हवाओं का जोर रहेगा, जिसके चलते विद्युत तंत्र और पेड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। भारी से अति भारी बारिश का दौर अगले 48 घंटे तक रुक-रुक कर जारी रहने की संभावना है।

 

Biparjoy Cyclone: कैसे रखे जाते है तूफानों के नाम? बिपरजॉय का नाम कैसे रखा गया

 

Biparjoy Cyclone: क्या आप जानते है की तूफान का नामकरण कैसे होता है? हर साल भारत में चक्रवाती तूफान आते हैं इन्हें प्राकृतिक आपदा के अंतर्गत शामिल किया जाता है। हाल ही में जून 2023 में भारत बिपरजॉय (Biparjoy Cyclone) तूफान से गुजरा है यह तूफान अरब सागर में उत्पन्न हुआ है इस तूफान गुजरात और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा असर दिखाये. जानते हैं कैसे रखे जाते हैं तूफानों के नाम।

 

Cyclone Biperjoy: चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ को लेकर इस समय देश के देश पश्चिमी तटीय इलाकों में अलर्ट जारी है. तूफान के दौरान दौरान तेज हवाएं व बारिश होने की उम्मीद है. मौसम विज्ञानियों के अनुसार, तूफान से मुंबई, गोवा, पोरबंदर और कराची शहर सहित आसपास के इलाके प्रभावित हो सकते हैं. मौसम विभाग का कहना है कि यह इस साल अरब सागर में आया पहला चक्रवाती तूफान है. आइए आज जानते हैं कि समुद्र में आखिर ऐसा क्या होता है, जो वहां से अक्सर इतने भयंकर तूफान उठकर चलते हैं और फिर धरती पर आकर तबाही मचा देते हैं.

अरब सागर में कम आते हैं तूफान

आजतक की एक रिपोर्ट की मानें तो इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटेरियोलॉजी के वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल कहते हैं कि बंगाल की खाड़ी में अरब सागर की तुलना में ज्यादा तूफान आते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब अरब सागर भी गर्म हो रहा है. जिस कारण यहां से भी ज्यादा तीव्रता वाले चक्रवात बन रहे हैं.

 

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