True Sadhu – An Inspirational Story
सच्चा साधु – एक प्रेरणादायक कहानी
True Sadhu – An Inspirational Story
किसी गांव के पास एक कुटिया में हरिदास नामक साधु रहते थे। उनके पास कुछ जमीन थी, जिस पर वह खेती करते थे। उससे भी जब कभी खाने लायक नहीं मिल पाता तो वह गांव में मजदूरी भी कर लेते थे।
उनके यहां साधु-संतों का आना-जाना लगा रहता था। एक बार जबर्दस्त बारिश हो रही थी। तभी बाहर से आवाज आई, ‘साधु महाराज ! क्या सो गए?’ हरिदास ने द्वार पर आकर देखा कि कुछ साधु बाहर खड़े हैं । हरिदास उन्हें आदरपूर्वक अंदर ले गए, फिर बोले, ‘प्रिय अतिथियों, आज मेरे पास भोजन की व्यवस्था नहीं है। खेत में जो कुछ पैदावार हुई वह खत्म हो गई।
बरसात की वजह से कहीं मजदूरी भी नहीं मिली। अतिथि साधुओं ने आश्चर्य से पूछा, ‘महाराज, क्या गांव से कुछ खाने-पीने को नहीं मिलता?’ हरिदास ने हंसते हुए कहा, ‘मिलता तो बहुत है, लेकिन मैं नहीं लेता।’
उन साधुओं ने इसका कारण पूछा तो हरिदास ने कहा, ‘किसान काफी मेहनत करके फसल उगाते हैं, मैं उनकी मेहनत की कमाई मुफ्त में कैसे ले सकता हूं?‘ इस पर अतिथि साधु बोले, ‘पर आप तो साधु हैं फिर आप दान-दान दक्षिणा क्यों नहीं लेते।
आपको मेहनत करने की क्या जरूरत है?’ हरिदास ने कहा, ‘मुझे तो लगता है कि एक साधु को अपनी मेहनत से जीवनयापन करना चाहिए। हम दूसरों की मेहनत की कमाई भला क्यों खाएं।
हमें अपने आचरण से दूसरों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। मेहनत से भागकर ईश्वरोपासना का कोई अर्थ नहीं है। श्रम में ही साधुता है।’ अतिथि साधु निरुत्तर हो गए।